राजधानी में 10 हजार से ज्यादा डॉक्टर्स हड़ताल पर, पश्चिम बंगाल में 300 डॉक्टरों का इस्तीफा

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की घटना को लेकर देशभर के डाक्टर हड़ताल पर हैं जिससे लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने पश्चिम बंगाल सरकार को हड़ताली डॉक्टरों की मांगें पूरी करने के लिए 48 घंटों का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने मांगें पूरी नहीं कीं तो एम्स में अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर मजबूर होंगे। इस समय बंगाल की स्वास्थ्य सेवाएं भी पूरी तरह से ठप्प हैं। सरकारी अस्पातल के 700 से ज्यादा डाक्टर अब तक अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। बता दें कि सोमवार को पश्चिम बंगाल के एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में दो इंटर्न डॉक्टरों पर हमला किया गया था। जिससे गुस्साए डॉक्टर हड़ताल पर हैं।राजधानी में डॉक्टरों की हड़ताल का सिलसिला शनिवार को भी देखने को मिल सकती है। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने शनिवार को हड़ताल का एलान किया है। फोर्डा के समर्थन में शुक्रवार शाम तक केंद्र सरकार के राम मनोहर लोहिया अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज ने भी हड़ताल का फैसला लिया। वहीं दिल्ली सरकार के डीडीयू, इहबास, संजय गांधी मेडिकल कॉलेज ने भी शनिवार को काम बंद रखने का निर्णय लिया है। इन सभी अस्पतालों के रेजीडेंट संगठनों ने अपने-अपने निदेशक को पत्र लिख इसकी सूचना भी दे दी है। बताया जा रहा है कि दिल्ली के और भी सरकारी अस्पताल शनिवार को हड़ताल का समर्थन कर सकते हैं।फोर्डा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुमेध का कहना है कि पश्चिम बंगाल की तरह आए दिन लगभग हर राज्य में डॉक्टरों पर हमले की घटनाएं हो रही हैं, लेकिन अब देश का चिकित्सीय वर्ग खड़ा हो चुका है। जब तक सरकारें डॉक्टरों की सुरक्षा पर ठोस कदम नहीं उठाएंगी, हड़ताल का ये सिलसिला किसी न किसी रूप में चलता ही रहेगा। उन्होंने बताया कि शनिवार को फोर्डा के नेतृत्व में हड़ताल की घोषणा की गई है। दिल्ली के ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर डॉक्टर उपचार नहीं करेंगे।दिल्ली एम्स और सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल ने मरीजों को परेशानी में डाल दिया। वहीं दरियागंज स्थित दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले करीब 500 डॉक्टरों ने धरना दिया। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. गिरीश त्यागी ने बताया कि जब तक डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर ठोस कानून लागू नहीं होगा, तब तक डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को दिल्ली एम्स और सफदरजंग के अलावा सर गंगाराम अस्पताल, अपोलो, सेंट स्टीफंस, माता चनन देवी, एक्शन बालाजी अस्पताल, महाराजा अग्रसेन अस्पताल में भी डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा को बंद रखा।डॉ. गिरीश त्यागी का कहना है कि धरना प्रदर्शन के बाद सभी डॉक्टरों ने राजघाट तक पैदल मार्च निकाला। वहीं शनिवार को भी एसोसिएशन की ओर से फोर्डा की हड़ताल को सांकेतिक रूप से समर्थन देने की घोषणा की गई है।

Share and Enjoy !

Shares

Related posts